Saraswati Mata Ki Aarti Basant Panchmi – श्री सरस्वती जी की आरती
मां सरस्वती को साहित्य ,संगीत, कला की देवी माना जाता है। उनमें विचारणा, भावना एवं संवेदना का त्रिविध समन्वय है। वीणा संगीत की, पुस्तक विचारणा की और (हंसा) वाहन कला की अभिव्यक्ति है। लोक चर्चा में सरस्वती को शिक्षा की देवी माना गया है।
सरस्वती मां की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥
॥ जय सरस्वती माता…॥
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
शिक्षा संस्थाओं में वसंत पंचमी को सरस्वती का जन्म दिन समारोह पूर्वक मनाया जाता है। पशु को मनुष्य बनाने का – अंधे को नेत्र मिलने का श्रेय शिक्षा को दिया जाता है। मनन से मनुष्य बनता है। मनन बुद्धि का विषय है। भौतिक प्रगति का श्रेय बुद्धि- वर्चस को दिया जाना और उसे सरस्वती का अनुग्रह माना जाना उचित भी है। इस उपलब्धि के बिना मनुष्य को नर- वानरों की तरह वनमानुष जैसा जीवन बिताना पड़ता है। शिक्षा की गरिमा- बौद्धिक विकास की आवश्यकता जन-जन को समझाने के लिए सरस्वती अर्चना की परंपरा है। इसे प्रकारांतर से गायत्री महाशक्ति के अंतर्गत बुद्धि पक्ष की आराधना कहना चाहिए।
सरस्वती मां का स्वरूप
सरस्वती के एक मुख, चार हाथ है। मुस्कान से उल्लास ,दो हाथो में वीणा-भाव संचार एवं कलात्मकता की प्रतीक है। पुस्तक से ज्ञान और माला से इशनिष्ठा-सात्विकता का बोध होता है। वाहन राजहंस- सौन्दर्य एवं मधुर स्वर का प्रतीक है। इनका वाहन राजहंस माना जाता है और इनके हाथो में वीणा ,वेदग्रंथ और स्फटीकमाला होती है। भारत मे कोई भी शैक्षणिक कार्य के पहले इनकी पूजा की जाती है।
Saraswati Mata is a supreme goddess of knowledge, music, art, speech, wisdom, and learning.
Saraswati Mata is a part of the tridevi of Saraswati, Lakshmi, and Parvati and all these three equal forms unite with the trimurti of Brahma, Vishnu, and Shiva to create, maintain, and regenerate the Universe, respectively.
Vasant Panchami is also known as the fifth day of spring, a well-known Hindu festival. Hindus celebrate Vasant Panchami also known as Saraswati Puja and Saraswati Jayanti in so many parts of India to honor Saraswati Mata, and mark the day by helping young children. The Goddess is also admired by the believers of Jain religion of west and central India, as well as some Buddhist sects.