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श्री वीर बगीची इंदौर नगर के पश्चिम क्षेत्र का अति प्राचीन स्थान है। यहाँ हनुमान जी को प्राचीन स्वयं भू प्रतिमा जिसके काल खण्ड का निर्धारण करना कठिन है, पर विद्ववानों द्वारा बताया जाता है वह आठ सौ से हज़ार वर्ष पुराना स्थान है। जिसका तीन सौ से चार सौ वर्ष का इतिहास ज्ञात है वहा पर आज भी चार सौ वर्ष पुरानी चैतन्य धूनी मौजूद है।

Alija Hanuman Darshan

एक समय यह क्षेत्र इंदौर नगर का बियाबान जंगल होता था। तत्कालीन समय मे इस वन स्थली में कपितय तपस्वी सिद्ध संतो ने तापस भूमि के रूप में इसका विकास किया अतः वह सिद्ध स्थल के रूप में ख्यात हुआ 19वीं शताब्दी में परम पूज्य अनंत विभूषण श्री श्री 1008 श्री कैलाशानंद जी ब्रह्मचारी गुरु महाराज ने वीर हनुमान जी की आराधना की जिससे स्थान चैतन्य हुआ एवं उन्हें कई सिद्धियां प्राप्त हुई। श्री वीर बगीची में हनुमान जी को बिजिया (भांग) का भोग लगता है जो अपने आप मे अद्भुत है।

श्री कैलाशानंद की बहन भी दिव्य संत थी दोनों साधना में रत रहते थे उसी काल मे एक दिव्य बालक श्री कैलाशानंद जी के संपर्क में आये वह उनके शिष्य बन गये दोनों गुरु चेले हनुमान जी की आराधना में लीन हो गये वही दिव्य बालक श्री श्री 1008 औंकारानंद जी बाल ब्रह्मचारी गुरु महाराज के नाम से विख्यात हुए।

श्री भूतेश्वर महादेव की स्थापना श्री कैलाशानंद जी गुरु महाराज तथा श्री औंकारानंद जी गुरु महाराज के द्वारा की गई है, उन्हीने रंजीत हनुमान मंदिर की भी स्थापना की वहाँ पर उनके ही शिष्य अल्हड़ पहलवान जी को सेवा सौपी। बड़ा गणपति मंदिर की स्थापना कर गुरु महाराज ने अपनी बहन माई राम को वहाँ विराजित किया। श्री मंत तुकोजीराव महाराज गुरु जी के अनन्य भक्त रहे और दर्शन को वीर बगीची आते थे।

श्री मंत तुकोजीराव द्वारा वीर बगीचे से मल्हारगंज के मार्ग को श्री कैलाशा नंद जी गुरु के नाम से कैलाश मार्ग दिया विद्वानों द्वारा बताया जाता है अन्नकूट महोत्सव (आंवला नवमी) की शुरुवात श्री वीर बगीची के द्वारा प्रारंभ हुई इसी कालांतर में बालक प्रभुवानंद जी औंकारानंद जी गुरु महाराज के संपर्क में आये व उनके शिष्य बन गये व आगे चलकर अनंत नामो से पूजे गये श्री अनंत विभूषित प्रतिपल स्मरणीय श्री श्री 1008 प्रभुवानंद जी बाल ब्रह्मचारी गुरु महाराज को भक्त अन्नदाता व सरकार के नाम से भी संबोधित करते है आप दो वर्ष की उम्र से ही श्री कैलाशानंद जी व औंकारानंद जी गुरु महाराज के सानिध्य में प्रभु का जप तप व्रत करा और आप कामाख्या मंदिर जा कर कठिन तपस्या कर अनंत सिद्धियो के मालिक बने आपके दर्शन मात्र से भक्तों के दुख दर्द संकट दूर हो जाते आप शुरू से ही अखाड़े में वर्जिश करते थे साधु संतों में पहलवान बाबा के नाम से पहचाने जाते थे। आपके द्वारा बद्री विशाल धाम का संकल्प पूर्ण हुआ ऐसा माना जाता है की हनुमान जी के सनमूख बद्री विशाल धाम से सिर्फ वीर बगीची में है। आपके रहते हुए एक दिव्य बालक आपके संपर्क में आये और आपके सानिध्य में जप तप व्रत कर श्री पवनानंद जी ब्रह्मचारी के रूप में सेवा रत है। आपके द्वारा हनुमान जी के त्योहारों व विशेष पर्व पर कई रूपो में श्रृंगार किया जाता है जो अपने आप मे अद्भुत है। श्री वीर बगीची में आरती का भी बड़ा महत्व है। श्री वीर बगीची में झाड़नी, डोरा व पक्का ताबीज दिया जाता है,जिससे भक्तो के कष्टों का निवारण होता है।

सेवा का महत्व

वीर बगीची में सेवा का भी बहुत महत्व है।

पूजा करने वाले भक्त तो बहुत होते है पर सेवा करने वाले भक्त बहुत कम जो भक्त पूजा करके जितना पुण्य कमाते है उससे कई ज़्यादा सेवा करने वाला भक्त कमा लेते है और ऋषियों ने कहा भी है सेवा करने से करोड़ो यज्ञ का फल मिलता है, और वीर बगीची इस बात का प्रमाण है क्योंकि यहां भक्त सिर्फ सेवा करना जानते है।

4 Responses

  1. Raju Gurjar says:

    मैं खेरखेड़ीं भोपाल से हु मेने आप की सभी बात पढ़ी मुझे बहुत अच्छा लगा और पसंद भी आई जिंदगी में एक बार जरूर आऊंगा बाला जी के दरबार में जय श्री सीताराम जू सरकार जय श्री बाला जी सरकार

  2. Raju Gurjar says:

    जय श्री सीताराम जू सरकार जय श्री बाला जी सरकार

  3. Nirav says:

    Aapke contact number aapki site par nahinhai hum aana chahte hai darshan ke liye toh call karna tha Chola chadhane ke liye .hum out of India ahi

  4. गिरीश शर्मा says:

    बाबा अलीजा सरकार के बारे में जितना भी कहूं बहुत कम है बाबा मेरे हर विघ्न में मेरे दुख काटते हैं और रोज़ व्हाट्सएप के जरिए बाबा के श्रंगार दर्शन करके मन प्रफुल्लित हो जाता है।
    जयश्री राम

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