कैला माता आरती – Kaila Devi ki Aarti in Hindi

करौली के यदुवंश (यादव राजवंश) की कुलदेवी पूर्वी राजस्थान की मुख्य आराध्य देवी है। ऐसी मान्यता है, की द्वापर युग मे जब कंस ने वासुदेव- देवकी को मथुरा के कारागृह में बंद किया तो उस समय कंस ने वासुदेव की आठवीं संतान (कन्या) का वध करना चाहा। वास्तव में वह कन्या योगमाया का अवतार थी, अतः अंतर्ध्यान हो गई, वही कन्यारूपी देवी करौली में कलिसिल नदी के किनारे त्रिकुट पर्वत पर कैला देवी के रूप में विराजमान है।

कैला माता आरती

ॐ जय कैला रानी,
मैया जय कैला रानी ।
ज्योति अखंड दिये माँ
तुम सब जगजानी ॥

तुम हो शक्ति भवानी
मन वांछित फल दाता ॥
मैया मन वांछित फल दाता ॥
अद्भुत रूप अलौकिक
सदानन्द माता ॥
ॐ जय कैला रानी।

गिरि त्रिकूट पर आप
बिराजी चामुंडा संगा ॥
मैया चामुंडा संगा ॥
भक्तन पाप नसावौं
बन पावन गंगा ॥
ॐ जय कैला रानी।

भक्त बहोरा द्वारे रहता
करता अगवानी ॥
मैया करता अगवानी ॥
लाल ध्वजा नभ चूमत
राजेश्वर रानी ॥
ॐ जय कैला रानी।

नौबत बजे भवन में
शंक नाद भारी ॥
मैया शंक नाद भारी ॥
जोगन गावत नाचत
दे दे कर तारी ॥
ॐ जय कैला रानी।

ध्वजा नारियल रोली
पान सुपारी साथा ॥
मैया पान सुपारी साथा ॥
लेकर पड़े प्रेम से
जो जन यहाँ आता ॥
ॐ जय कैला रानी ।

दर्श पार्श कर माँ के
मुक्ती जान पाता ॥
मैया मुक्ती जान पाता ॥
भक्त सरन है तेरी
रख अपने साथा ॥
ॐ जय कैला रानी ।

कैला जी की आरती
जो जन है गाता ॥
मैया जो जन है गाता ॥
भक्त कहे भव सागर
पार उतर जाता ॥

ॐ जय कैला रानी,
मैया जय कैला रानी ।
ज्योति अखंड दिये माँ
तुम सब जगजानी ॥

क्यों है कैला देवी मंदिर की महिमा

राजस्थान के करौली जिले में स्तिथ कैला देवी मंदिर से भक्तो की अपार श्रद्धा जुड़ी हुई है जिसका कारण है यहां पर उनकी मनोकामना पूरी होंना।
यह कैला देवी मंदिर का ही चमत्कार है कि यहां पर जो भी भक्त आकर सच्चे मन से अपनी मनोकामना को माता कैला देवी से पूरी होने की अरदास लगाता है, उसकी मनोकामना माता कैला देवी अवश्य पूरी करती है और यही वजह है कि लोगो के बीच इस मंदिर को लेकर के अपार श्रद्धा है और यही इस मंदिर की इतनी महिमा का मुख्य कारण भी है

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