चिंतपूर्णी माता की आरती – Chintpurni Mata ki Aarti in Hindi – चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ
चिंतपूर्णी माता मंदिर हिंदूओ का एक प्रमुख मंदिर है जो कि हिमाचल प्रदेश के उना जिले में स्थित है। इस मंदिर में, देवी की मूर्ति गोल पत्थर के रूप में है।यह 51 शक्ति पीठो में से एक है। वर्तमान में उत्तर भारत की नौ देवी यात्रा में चिंतपूर्णी का पांचवा दर्शन होता है वैष्णो देवी से शुरू होने वाली नौ देवी यात्रा में माँ चामुण्डा देवी, माँ वज्रेश्वरी देवी, माँ ज्वाला देवी, माँ चिंतपुरणी देवी, माँ नैना देवी, माँ मनसा देवी, माँ कालिका देवी, माँ शाकम्भरी देवी सहारनपुर आदि शामिल हैं। इस मंदिर की देवी सबकी चिंता दूर करती हैं। और साथ ही यह मंदिर रमणीय हैं यहाँ आकर मन को शांति मिलती हैं।
चिंतपूर्णी माता की आरती
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा || भोली माँ ||
सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर || भोली माँ ||
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो, || भोली माँ ||
चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला, || भोली माँ ||
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो, || भोली माँ ||
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये, || भोली माँ ||
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान, || भोली माँ ||
औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया, || भोली माँ ||
सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ || भोली माँ ||
॥ चिंतपूर्णी माता की जय ॥
मान्यता
नवरात्रि के दिनों में, देवी के दर्शन के लिए पूरे देश भर से भक्त दर्शन के लिए आते है ,और मंदिर में बड़े मेले और उत्सव का आयोजन भी होता है।और यह मेला देवी भगवती छिन्मास्तक के मंदिर के पास आयोजित किया जाता है जहां माता देवी प्राचीन काल के दौरान रूप में प्रकट हुयी थी।