बांके बिहारी आरती – श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं – Aarti Shree Banke Bihari Ji in Hindi Lyrics
श्री बाँके बिहारी जी का परिचय
क्यों कहा जाता है भगवान राधा कृष्ण को बाँके बिहारी? आईए जानते है!
बाँके बिहारी जी भगवान राधा कृष्ण का एकाकर विग्रह स्वरूप है। तो भगवान राधा कृष्ण ने क्यों ये रूप लिया, इस रूप को भगवान ने स्वामी हरिदास जी के अनुरोध पर लिया था। और स्वामी हरिदास जी ने ही उनके इस रूप को बाँके बिहारी जी का नाम दिया। मान्यता ऐसी है कि जो भक्त भगवान बाँके बिहारी जी के दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होतीं है।
श्री बांके बिहारी की आरती
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं |
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं |
बाल कृष्ण तेरी आरती गाऊं ||
मोर मुकुट प्रभु शीश पे सोहे |
प्यारी बंसी मेरो मन मोहे |
देख छवि बलिहारी मैं जाऊं |
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं ||
चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी |
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं |
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं ||
दास अनाथ के नाथ आप हो |
दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो |
हरी चरणों में शीश झुकाऊं |
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं ||
श्री हरीदास के प्यारे तुम हो |
मेरे मोहन जीवन धन हो |
देख युगल छवि बलि बलि जाऊं |
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं ||
आरती गाऊँ प्यारे तुमको रिझाऊँ |
हे गिरीधर तेरी आरती गाऊँ ||
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं ||
कैसे प्रकट हुए भगवान बाँके बिहारी जी?
आईए जानते है ,संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास जी प्रभु श्री कृष्णा भगवान को अपना आराध्य मानते थे। उन्होंने भगवान श्री कृष्णा को अपना संगीत समर्पित कर दिया था। स्वामी जी हमेशा भगवान श्री कृष्णा की रासलीला स्थली में अपनी उपस्तिथि देकर भगवान श्री कृष्णा की आराधना करते थे। और भगवान श्री कृष्णा की भक्ति में लीन होते ही स्वामी जी को प्रभु दर्शन देते थे।
एक दिन स्वामी जी ने अपने एक शिष्य से कहा कि और भी भक्त है जो भगवान राधा कृष्ण के दर्शन करना चाहते है, उन्हें दुलार करना चाहते है, उन्ही भक्तो के लिए स्वामी जी ने भजन कीर्तन करना शुरू किया। और उनकी भक्ति भाव और भजन कीर्तन से प्रसन्न होकर प्रभु ने उन्हें दर्शन दिए, और तभी स्वामी जी ने सभी भक्तो की भगवान से दर्शन की इच्छा जाहिर की। उसी क्षण भगवान राधा कृष्ण ने उन्हें उसी रूप में उनके पास ठहरने की बात कही। इस बात और स्वामी जी ने प्रभु श्री कृष्णा से कहा कि में तो एक संत हु, आपको कैसे भी रख लूंगा, लेकिन राधा रानी के लिए रोज नए आभूषण कहा से लाउंगा। प्रभु यह बात सुनकर मुस्कुराए और इसके बाद भगवान राधा कृष्ण की युगल जोड़ी एकाकार होकर एक विग्रह रूप में प्रकट हुई।
Banke Bihari aarti is dedicated to Lord Krishna. It is known that doing the Bankebihari aarti brings peace, prosperity in the lives.
Bankey Bihari Temple is a Hindu temple of the Radha-Krishna which is situated in the holy city of Vrindavan. Bankey Bihari Temple was constructed in 864 by Swami Haridas who was also the guru of Tansen.