Aarti Kunj Bihari ki – आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की (Krishna Aarti)

Krishna is one of the most worshiped god in Hindu culture and is worshipped as eight avatar of lord Vishnu. Singing this kunjbihari aarti devoted to Radha and Krishna makes environment pleasant and gives peace. Krishna is a god of protection, compassion, tenderness, and love.

कुंजबिहारी की आरती

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

भगवान श्री कृष्णा के वैसे तो कई नाम है पर इनमे से एक ही नाम प्रसिद्ध है जो हर भक्त पूरी श्रद्धा से लेता है वह नाम है कुंज बिहारी इस नाम की एक खास बात यह है कि इस नाम मे जो बिहारी शब्द है वो भगवान श्री कृष्णा को दर्शाता है (विहार करने वाले) और कुंज शब्द वृंदावन का प्रतिनिधित्व करता है, जहां श्री कृष्ण बड़े हुए और उन्होंने अपना पूरा समय बिताया ।

कुंज का अर्थ है कि फूल पत्तियों से घिरी हुई गलिया, सुंदर गली। वृंदावन कि गलियों को ही कुंज कहा जाता है ।अतः शाब्दिक रूप से जो वृंदावन की गलियों में रमण करता है वह है कुंज बिहारी(श्री कृष्ण), इसके अतिरिक्त श्री कृष्णा को “बांके बिहारी” भी कहा जाता है। यह शब्द बृज भाषा का है। मैथिली, अवधि, भोजपुरी,मगधी,प्राकृत ,पाली जैसी कुछ भाषाओ में लोग “वी” के स्थान पर “बी” का उच्चारण करते हैं। बांके बिहारी मूल रूप से वन के विहारी का अर्थ है। श्री कृष्णा की मुड़ी हुई प्रतिमा के कारण ही उनको बांके बिहारी का नाम दिया गया है।

Janmashtami is an important festival in Indian culture, that celebrates the birth of Lord Krishna. Devotees decorate their houses with flowers and lights and sing Kunj Bihari aarti.  On Janmashtami, devotees also chant “Hare Krishna hare Krishna, Krishna- Krishna Hare Hare”.

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