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मंदिर में दर्शन का समय:
प्रातः 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक एवं सायं ४ बजे से रात्रि ९ बजे तक
मंगलवार एवं शनिवार दर्शन का समय:
प्रातः 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक एवं सायं ४ बजे से रात्रि 10 बजे तक
आरती प्रतिदिन प्रातः – 7 बजे, संध्या – सूर्यअस्त के पश्चात
जो भक्त वीर अलीजा सरकार की आरती में सम्मिलित होकर आरती का लाभ व आरती में सम्मिलित होते है उनके कई रोगो व कष्टो से स्वतः हनुमान जी मुक्त करके आनंद की प्राप्ति होती ।
झाड़ा, डोरा व पक्का ताबिज
श्री वीर बगीची में झाड़ा, डोरा व पक्का ताबीज दिया जाता है, जिससे भक्तो के कष्टों का निवारण होता है।
डोरा व पक्का ताबिज धारण करने की विधि
डोरा (जड़सड़ी) व ताबिज को लाल कपड़े में बांधकर अगरबत्ती का धुप देकर श्री वीर अलीजा सरकार का नाम लेकर गले में धारण करें। डोरा अगर छुआ छूत होने पर विर्सजन कर देवे, ताबिज छुआ छूत होता है तो कच्चे दूध से धोकर अगरबत्ती का धुप देकर श्री वीर अलीजा सरकार का नाम लेकर पुनः धारण करलें ।
चोला चढ़ाने हेतू
चोला हेतू – 2100 रू.
श्रृंगार हेतू -3100 रू.
श्री वीर बगीची का इतिहास
श्री वीर बगीची इंदौर नगर के पश्चिम क्षेत्र का अति प्राचीन स्थान है। यहाँ हनुमान जी को प्राचीन स्वयं भू प्रतिमा जिसके काल खण्ड का निर्धारण करना कठिन है, पर विद्ववानों द्वारा बताया जाता है वह आठ सौ से हज़ार वर्ष पुराना स्थान है। जिसका तीन सौ से चार सौ वर्ष का इतिहास ज्ञात है वहा पर आज भी चार सौ वर्ष पुरानी चैतन्य धूनी मौजूद है।
एक समय यह क्षेत्र इंदौर नगर का बियाबान जंगल होता था। तत्कालीन समय मे इस वन स्थली में कपितय तपस्वी सिद्ध संतो ने तापस भूमि के रूप में इसका विकास किया अतः वह सिद्ध स्थल के रूप में ख्यात हुआ 19वीं शताब्दी में परम पूज्य अनंत विभूषण श्री श्री 1008 श्री कैलाशानंद जी ब्रह्मचारी गुरु महाराज ने वीर हनुमान जी की आराधना की जिससे स्थान चैतन्य हुआ एवं उन्हें कई सिद्धियां प्राप्त हुई। श्री वीर बगीची में हनुमान जी को बिजिया (भांग) का भोग लगता है जो अपने आप मे अद्भुत है।
श्री कैलाशानंद की बहन भी दिव्य संत थी दोनों साधना में रत रहते थे उसी काल मे एक दिव्य बालक श्री कैलाशानंद जी के संपर्क में आये वह उनके शिष्य बन गये दोनों गुरु चेले हनुमान जी की आराधना में लीन हो गये वही दिव्य बालक श्री श्री 1008 औंकारानंद जी बाल ब्रह्मचारी गुरु महाराज के नाम से विख्यात हुए।
श्री भूतेश्वर महादेव की स्थापना श्री कैलाशानंद जी गुरु महाराज तथा श्री औंकारानंद जी गुरु महाराज के द्वारा की गई है, उन्हीने रंजीत हनुमान मंदिर की भी स्थापना की वहाँ पर उनके ही शिष्य अल्हड़ पहलवान जी को सेवा सौपी। बड़ा गणपति मंदिर की स्थापना कर गुरु महाराज ने अपनी बहन माई राम को वहाँ विराजित किया। श्री मंत तुकोजीराव महाराज गुरु जी के अनन्य भक्त रहे और दर्शन को वीर बगीची आते थे।
श्री मंत तुकोजीराव द्वारा वीर बगीचे से मल्हारगंज के मार्ग को श्री कैलाशा नंद जी गुरु के नाम से कैलाश मार्ग दिया विद्वानों द्वारा बताया जाता है अन्नकूट महोत्सव (आंवला नवमी) की शुरुवात श्री वीर बगीची के द्वारा प्रारंभ हुई इसी कालांतर में बालक प्रभुवानंद जी औंकारानंद जी गुरु महाराज के संपर्क में आये व उनके शिष्य बन गये व आगे चलकर अनंत नामो से पूजे गये श्री अनंत विभूषित प्रतिपल स्मरणीय श्री श्री 1008 प्रभुवानंद जी बाल ब्रह्मचारी गुरु महाराज को भक्त अन्नदाता व सरकार के नाम से भी संबोधित करते है आप दो वर्ष की उम्र से ही श्री कैलाशानंद जी व औंकारानंद जी गुरु महाराज के सानिध्य में प्रभु का जप तप व्रत करा और आप कामाख्या मंदिर जा कर कठिन तपस्या कर अनंत सिद्धियो के मालिक बने आपके दर्शन मात्र से भक्तों के दुख दर्द संकट दूर हो जाते आप शुरू से ही अखाड़े में वर्जिश करते थे साधु संतों में पहलवान बाबा के नाम से पहचाने जाते थे। आपके द्वारा बद्री विशाल धाम का संकल्प पूर्ण हुआ ऐसा माना जाता है की हनुमान जी के सनमूख बद्री विशाल धाम से सिर्फ वीर बगीची में है। आपके रहते हुए एक दिव्य बालक आपके संपर्क में आये और आपके सानिध्य में जप तप व्रत कर श्री पवनानंद जी ब्रह्मचारी के रूप में सेवा रत है। आपके द्वारा हनुमान जी के त्योहारों व विशेष पर्व पर कई रूपो में श्रृंगार किया जाता है जो अपने आप मे अद्भुत है। श्री वीर बगीची में आरती का भी बड़ा महत्व है। श्री वीर बगीची में झाड़नी, डोरा व पक्का ताबीज दिया जाता है, जिससे भक्तो के कष्टों का निवारण होता है।
सेवा का महत्व
वीर बगीची में सेवा का भी बहुत महत्व है।
पूजा करने वाले भक्त तो बहुत होते है पर सेवा करने वाले भक्त बहुत कम जो भक्त पूजा करके जितना पुण्य कमाते है उससे कई ज़्यादा सेवा करने वाला भक्त कमा लेते है और ऋषियों ने कहा भी है सेवा करने से करोड़ो यज्ञ का फल मिलता है, और वीर बगीची इस बात का प्रमाण है क्योंकि यहां भक्त सिर्फ सेवा करना जानते है।
वीर बगीची में हर त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है:
- मकर संक्रांति (Makar Sankranti)
- सदगुरुदेव भगवान का पुण्य स्मरण
- वसंत पंचमी (Vasant Panchami)
- महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri)
- होली (Holi)
- राम नवमी (Ram Navami)
- हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti)
- गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima)
- रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)
- जन्माष्टमी (Janmashtami)
- गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)
- नवरात्रि (Navratri)
- दशहरा (Dussehra)
- दीवाली (Diwali)
- गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)
गौशाला
सिद्ध पीठ श्री वीर बगीची में गौशाला में 50 से अधिक गौमाता है। यहाँ गौमाता की प्रतिदिन सेवा होती है।
संस्कृत पाठशाला
सिद्ध पीठ श्री वीर बगीची में संस्कृत पाठशाला में ३० से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत है। सभी विद्यार्थियों की शिक्षा, भोजन, रहना सभी व्यवस्था निःशुल्क है।
Jay shree ram
मैं खेरखेड़ीं भोपाल से हु मेने आप की सभी बात पढ़ी मुझे बहुत अच्छा लगा और पसंद भी आई जिंदगी में एक बार जरूर आऊंगा बाला जी के दरबार में जय श्री सीताराम जू सरकार जय श्री बाला जी सरकार
जय श्री सीताराम जू सरकार जय श्री बाला जी सरकार
मेरे आराध्य प्रभु बालाजी सरकार का इतिहास पढकर मन बहुत प्रसन्न हुवा. एक दिन प्रभु का दर्शन लेने इंदोर जरूर आऊंगा.. प्रभु हनुमान जी की महिमा बडी अध्दभूत है बडे दयालू है मेरे प्रभु सभी भक्तो संकट हर लेते ओर जो मांगो वो प्रभु देते है. बहुत अच्छा लगा वीर अलीजा हनुमानजी सरकार इतिहास पढकर.. वीर अलीजा सरकार के चरनो मे मेरा कोटी कोटी प्रणाम 🌎🙇🏻🙏🏻😍❤️🥹
श्री राम सीताराम जय राम जय जय राम
Jay shri ram 🙏🥹
Aapke contact number aapki site par nahinhai hum aana chahte hai darshan ke liye toh call karna tha Chola chadhane ke liye .hum out of India ahi
बाबा अलीजा सरकार के बारे में जितना भी कहूं बहुत कम है बाबा मेरे हर विघ्न में मेरे दुख काटते हैं और रोज़ व्हाट्सएप के जरिए बाबा के श्रंगार दर्शन करके मन प्रफुल्लित हो जाता है।
जयश्री राम
Jay shree ram sita ram 🙏🏻 Hanuman ji Maharaj ki jay🌎🙏🏻
Jay Bala ji Hanuman ki🙏🏻🌎Jay shree ram sita ram 🙏🏻♥️🌎😊
जय श्री राम जी मे राजस्थान के झुंझुनू ,जिले से हमारे गाव म हनुमानजी के मंदिर के लिए ऐसी ड्रेस चाहिए कहा मिलेगी सम्पर्क नंबर चाहिए जी कृपिया बताये
जय सीताराम
Jay shree ram
Me bhilwara राजस्थान से हु मेने मै हनुमान जी को प्रणाम में आशा करता हु जब भी इंदौर आऊंगा तो दर्शन हेतु जरूर आऊंगा
अलीजा प्रभु की जय
मे गाँव मे रहता था बड़े भाई इंदौर मे कार्य रत थे मेरी उम्र रही होगी 15वर्ष गाँव से बाहर बालाजी का मंदिर था हर मंगलबार प्रसाद खाने के लालच से मे और कई मित्र वहां बैठते थे उस दिन मुझे भाई की बहुत याद आ रही थी कभी कभी std कॉल पर बात होती थी वह भी हमारे लिए महँगा था उस समय
मंदिर से घर आया भोजन किया सो गया सुबह नींद से जागा देखा एक सूटकेश रखा है
माताजी से पूछा कौन आया तो उन्होंने बताया तेरा भाई इंदौर से आया है
मे तुरंत गया भाई के पैर छुए और गले लगा
भाई से पूछा अचानक कैसे आना हुआ उन्होंने बताया जो गाड़ी मे चलाता हूँ कल शाम को ख़राब हो गई सुधरने मे दो दिन लगेंगे तो रात आठ बजे मन मे विचार आया गांव आके सबसे मिल लेता हूँ 9बजे की बस पकड़ी सुबह यहाँ
जबकि 8 बजे मे सो गया था
उस दिन के बाद मेरी आस्था अटूट हो गई बालाजी के प्रति
अभी मे भी इंदौर मे हूँ और अलीजा प्रभु के आशीर्वाद से एक फैक्ट्री चलाता हूँ जो
मेरी खुदकी है अलीजा प्रभु की आरती मे सम्मिलित होता हूँ प्रतिदिन नहीं जब भी थोड़ा सा भी समय मिलता है अलीजा प्रभु की शरण मे आ जाता हूँ
विना मांगे प्रभु सब दे देते है
🙏🙏🙏
गुरुजी आपका कॉन्टॅक्ट नंबर चाहिये. आप जीस तरह से श्री बालाजी को चोला चढाते हो वह काबिले तरीप है
गुरुजी मै एक मूर्तिकार हूं मै श्री बालाजी का मुख बना सकता हूं मधुमखी के मोम से हम श्री बालाजीका मुख बनाते है
कृपया आपका whatsapp नंबर भेंजीये तो आपको पुरी तरहसे समजा सकू मेरा नाम विनोद पांडुरंग सोनार हैं नंदुरबार महाराष्ट्र मै राहता हूं मेरा कॉन्टॅक्ट नंबर 9673374463 हैं
कृपा करके कॉन्टॅक्ट नंबर भेजे
जय श्री राम जी
Jai shree ram
जय श्री राम जी
जय श्री हनुमान जी