श्री बालाजी आरती – Balaji ki Aarti in Hindi – ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा

महावीर हनुमाजी जी भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार है और सबसे बलवान और बुद्धिमान है। और वे प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त है। हनुमान जी ने वानर जाती में जन्म लिया और उनकी माता का नाम (अंजनी) और उनके पिता वानरराज केशरी है। इसिलिए हनुमान जी को आंजनाय और केशरीनंदन आदि नामो से पुकारा जाता है।वही दूसरी मान्यता के अनुसार हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहते है।

आरती श्री बालाजी की

ॐ जय हनुमत वीरा स्वामी जय हनुमत वीरा।
संकट मोचन स्वामीतुम हो रणधीरा॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

पवन-पुत्र-अंजनी-सुत महिमा अति भारी।
दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

बाल समय में तुमनेरवि को भक्ष लियो।
देवन स्तुति कीन्हीतब ही छोड़ दियो॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

कपि सुग्रीव राम संगमैत्री करवाई।
बाली बली मरायकपीसहिं गद्दी दिलवाई॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

जारि लंक को ले सिय कीसुधि वानर हर्षाये।
कारज कठिन सुधारेरघुवर मन भाये॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

शक्ति लगी लक्ष्मण केभारी सोच भयो।
लाय संजीवन बूटीदुःख सब दूर कियो॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

ले पाताल अहिरावणजबहि पैठि गयो।
ताहि मारि प्रभु लायेजय जयकार भयो॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

घाटे मेहंदीपुर मेंशोभित दर्शन अति भारी।
मंगल और शनिश्चरमेला है जारी॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

श्री बालाजी की आरतीजो कोई नर गावे।
कहत इन्द्र हर्षितमन वांछित फल पावे॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥

॥ जय श्री राम ॥

महत्वपुर्ण जानकारी

ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफा में हुआ था।

मान्यता

जो हनुमान जी महाराज की सच्चे मन से भक्ति करता है, हनुमान जी की कृपा उनके ऊपर सदैव बनी रहती है ,हनुमान जी अपने भक्तों को सभी समस्याओं से दूर रखते है। श्रीरामचरित्र मानस की एक चौपाई में ही भक्तो की सभी समस्याएं का हल है।

“कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहिं होइ तात तुम पाहीं।”
अर्थात- जगत में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो हे तात! तुमसे न हो सके।

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