Brihaspati Dev Ki Aarti in Hindi – श्री बृहस्पति देव की आरती – ऊँ जय वृहस्पति देवा

भगवान बृहस्पति वो है जिन्हें प्रार्थना या भक्ति का स्वामी माना गया है|,और भगवान बृहस्पति ब्राह्मणस्पति तथा देवगुरु देवताओ के गुरु भी कहलाते है. बृहस्पति हिन्दू देवी देवताओं के गुरु है और दैत्य गुरु शुक्राचार्य के कट्टर विरोधी रहे है।

ये नवग्रहों के समूह के नायक भी माने जाते है तभी इन्हें गणपति भी कहा जाता है ये ज्ञान और वाग्मिता के देवता माने जाते है, इन्होंने ही बार्हस्यपत्य सूत्र की रचना की थी। माना जाता है कि इनका वर्ण सुवर्ण या पीला है और इनके पास दंड, कमल और जपमाला रहती है। ये सप्तवार के स्वामी माने जाते है और तो और ज्योतिष में इन्हें बृहस्पति (ग्रह) का स्वामी माना जाता है।

बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

मान्यता

माना जाता है कि हर दिन का महत्व होता है। अगर कोई भक्त रोजाना किसी देवी देवता की आराधना नही करता है तो वो भक्त दिन विशेष पर पूजा अचर्ना कर सकता है उसके दिन विशेष पर आराधना करने से ही उसकी सारी मन्नते पूरी हों जाएगी। इसी तरह भगवान श्री हरि की कृपा पानी है तो बृहस्पतिवार के दिन व्रत करके विधि विधान से पूजा करे। इससे जीवन मे आने वाली तमाम परेशानिया दूर हो जाती है ।

Worshipping Lord Brihaspati on Thursday brings happiness, money, and prosperity to homes. Lord Brihaspati is described as a sage in Vedic literature and other ancient texts.

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