Maa Kalratri Ki Aarti in Hindi Lyrics – माँ कालरात्रि की आरती – कालरात्रि जय-जय-महाकाली
माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। माना जाता हैं की दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। माँ कालरात्रि को कई विनाशकारी रुपों में से एक माना जाता है जैसे काली, महाकाली ,भद्रकाली, भैरवी, रुद्राणी, चामुंडा,चंडी, और दुर्गा।
माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने मे बहुत भयानक है, पर इसका फल सदैव ही शुभ होता है । इसीलिए इनका नाम शुभंकारी भी है।
माँ कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि माँ तेरी जय ॥
इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह काला है। सिर के बाल बिखरे हुए है। विदयुत की तरह चमकने वाली माला है गले मे। और माँ कालरात्रि के तीन नेत्र हैं। इनका वाहन गदर्भ (गदहा) है।
आराधना
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ : है माँ। सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।
On the seventh day of navaratri, the kalratri form of maa durga is worshipped. It is believed that worshipping maa kalratri on this auspicious day, protects one from negative energies.