Shri Ganesha Ashtakam – श्री गणेश अष्टाकम – यतोऽनन्तशक्तेरनंताश्च जीवा यतोनिर्गुणादप्रमेया गुणास्ते।
श्री गणेश अष्टकम् भगवान गणेश जी को समर्पित एक सुंदर स्तोत्र है जिसमें उनके गुणों, महिमा और स्वरूप का वर्णन आठ श्लोकों में वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति हेतु पढ़ा जाता है। श्री गणेश अष्टकम् के नियमित पाठ से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्त को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से गणेश चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी और अन्य शुभ अवसरों पर पाठ किया जाता है।
।। श्री गणेश अष्टाकम ।।
सर्वे उचु:
यतोऽनन्तशक्तेरनंताश्च जीवा यतोनिर्गुणादप्रमेया गुणास्ते ।
यतो भाति सर्वं त्रिधा भेदभिन्नं सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।1।।
यतश्रचाविरासोज्जगत्सर्वमेतत्तथाऽब्जासनो विश्र्वगो विश्र्वगोप्ता ।
तथेंद्रादयो देवसंघा मनुष्या: सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।2।।
यतो वहिनभानू भवो भूर्जलं च यत: सागराश्र्चन्द्रमा व्योम वायु: ।
यत: स्थावरा जंगमा वृक्षसंघा सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।3।।
यतो दानवा: किन्नरा यक्षसंघा यतश्र्चारणा वारणा: श्रवापदाश्र्च ।
यत: पक्षिकीटा यतो वीरूधश्र्च सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।4।।
यतो बुद्धिरज्ञाननाशो मुमुक्षोर्यत: संपदो भक्ति सन्तोषिका: स्यु: ।
यतो यत: कार्यसिद्धि सदा तं गणेश नमामो भजाम: ।।5।।
यत: पुत्रसंपद्यतो वांछितार्थो यतोऽभक्तिाविघ्नास्तथाऽनेकरूपा: ।
यत: शोकमोहौ यत: काम एव सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।6।।
यतोऽनंतशक्ति: स शेषो वभूव धराधारणेऽनेकरुपे च शक्त: ।
यतोऽनेकधा स्वर्गलोका हि नाना सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।7।।
यतो वेदवाचोऽतिकुंठा मनोभि: सदा नेति नेतिति यत्ता ग्रणन्ति ।
परब्रह्मरूपं चिदानन्दभूतं सदा तं गणेशं नमामो भजाम: ।।8।।
श्री गणेश उवाच
नुनरुचे गणाधीश: स्तोत्रमेतत्पठेन्नर: ।
त्रिसंध्यं त्रिदिनं तस्य सर्वं कार्य भविष्यति ।।9।।
यो जपेदष्टदिवसं श्लोकाष्टकमिदं शुभम् ।
अष्टवारं चतुथ्र्यां तु सोऽष्टसिद्धोरवाप्नुयात् ।।10।।
य: पठेन्मासमात्रं तु दशवारं दिने दिने ।
स भोचयेद्वन्धगत राजवध्यं न संशय: ।।11।।
विद्याकामा लभेद्विद्यां पुत्रार्या पुत्रामाप्नुयात् ।
सर्ववांछितांल्लभते सर्वानेकविंशतिवारत: ।।12।।
यो जपेत्परया भक्त्या गजाननपरो नर: ।
एवमुक्त्वा ततो देवश्रचांतर्धानं गत: प्रभु: ।।13।।
श्री गणेश अष्टकम् का पाठ भक्तों को भगवान गणेश के आशीर्वाद, सुरक्षा, और शांति की अनुभूति कराता है। इसके नियमित पाठ से भगवान गणेश की कृपा से जीवन में हर प्रकार के विघ्न और संकटों का निवारण होता है, और सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्त होती है।