श्री राम नवमी दर्शन, पूजन विधि, महत्व – Shri Ram Navami 2024
रामनवमी वह दिन है जिस दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम ने अयोध्या की धरती पर मानव रूप में अवतार लिया था. वह विष्णु के ही रूप है और भगवान विष्णु के दिव्य गुण हैं. “राम” शब्द का शाब्दिक अर्थ है, जो दैवीय रूप से आनंदित है और जो दूसरों को आनंद देता है, और जिसमें ऋषि आनन्दित होते हैं।
श्री रामनवमी पर करे भगवान श्री राम की स्तुति
श्री राम नवमी 2024
राम का अर्थ है, स्वयं का प्रकाश; स्वयं के भीतर ज्योति। “रवि” शब्द का अर्थ “राम” शब्द का पर्यायवाची है। रवि शब्द में ‘र’ का अर्थ है, प्रकाश और “वि” का अर्थ है, विशेष। इसका अर्थ है, हमारे भीतर का शाश्वत प्रकाश। हमारे ह्रदय का प्रकाश ही राम है। इस प्रकार हमारी आत्मा का प्रकाश ही राम है।
राम नवमी चैत्र (अप्रैल / मई) के महीने में उज्ज्वल पखवाड़े के नौवें दिन (युगादि के बाद) आती है और वसंत नवरात्रि या चैत दुर्गा पूजा के साथ मेल खाती है. इसलिए कुछ क्षेत्रों में त्योहार नौ दिनों में फैला हुआ है. इस दिन को भगवान राम के जन्मदिन के साथ-साथ, राम और सीता के विवाह दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और इस तरह उन्हें कल्याणोत्सव भी कहा जाता है.
भगवान राम ने पूर्ण व्यक्ति (मर्यादा पुरुषोत्तम) का अनुकरण किया. वह करुणा, सौम्यता, दया, धार्मिकता और अखंडता के अवतार थे. उनके पास दुनिया की सारी शक्ति थी, फिर भी वह शांत और सौम्य थे. अयोध्या में उनके शासनकाल को परिपूर्ण शासन के प्रतीक के रूप में रामराज्य कहा जाता है.
राम नवमी के त्योहार भारत के लोगो द्वारा ही नही बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगो द्वारा भी मनाया जाता है। यह त्योहार बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। माना जाता है इस अवसर पर जो भक्त उपवास करते है उन पर अपार खुशी और सौभाग्य की बौछार होती है।
राम नवमी का महत्व
महान महाकाव्य रामायण के अनुसार इसी दिन ,राजा दशरथ की प्रार्थना स्वीकार हुई थी। राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा, और कैकेयी। लेकिन तीन में से कोई भी उन्हें अपना वंश नही दे पाई।
राजा को अपने सिहांसन के लिए एक वारिस की आवश्यकता थी। यहाँ तक कि उनकी शादी के कई साल बाद,राजा पिता बनने में असमर्थ थे। वंश प्राप्त करने के लिए महान ऋषि वरिष्ठ ने राजा दशरथ को पवित्र अनुष्ठान पुत्र कामेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी। राजा दशरथ की स्वीकृति के साथ,महान ऋषि महर्षि रुशर्य श्रृंगा ने विस्तृत ढंग से अनुष्ठान किया।
राजा को पायसम का एक कटोरा (दूध और चावल से तैयार भोजन) सौंप दिया और उनकी पत्नियों के बीच यह भोजन वितरित करने के लिए कहा गया। राजा ने अपनी कैकेयी और कौशल्या और एक अन्य को आधा पायसम का हिस्सा पत्नी सुमित्रा को दे दिया। इस भोजन के कारण रामजी (कौशल्या माता से) , भरतजी(कैकेयी माता से) तथा लक्ष्मण व शत्रुघन (सुमित्रा से) का जन्म हुआ।
राम नवमी पूजा विधि
- राम नवमी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और सभी भगवानों को स्नान कराएं और उन्हें भी नए या साफ़ वस्त्र पहनाएं।
- भगवान् राम की प्रतिमा या तस्वीर को साफ़ करें और टीका लगाएं। राम दरवार की तस्वीर को साफ़ करें और उसमें भी टीका लगाएं।
- इसके बाद रोली से भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की मूर्तियों का तिलक करें।
- भगवान श्री राम को चावल, फूल, घंटी और शंख चढ़ाकर भगवान श्री राम की विधिवत पूजा करें।
- श्री राम के मंत्रों का जाप करें और समस्त परिवार के साथ मिलकर रामायण का पाठ करें।
- प्रभु श्री राम की आरती करें और रामायण जी की आरती करें।
- इस दिन भगवान श्री राम को भोग अर्पित करें और सभी में वितरित करें।
- गरीबों को दान दें और प्रसाद वितरण करें।
राम नाम का महत्व
धर्मशास्त्रों के अनुसार राम का नाम अमोघ है। इसमें ऐसी शक्ति है जो इस संसार के तो क्या, परलोकों के संकट काटने में भी सक्षम है। माना गया है कि अंतिम समय में राम का नाम लेने वाला व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है। भगवान श्री रामचंद्र जी का नाम इस कलयुग में कल्पवृक्ष अर्थात मनचाहा फल प्रदान करने एवं कल्याण करने वाला है। रामचरितमानस में तुलसीदासजी ने राम नाम की बहुत महिमा गाई है।
“रामनाम कि औषधि खरी नियत से खाय,
अंगरोग व्यापे नहीं महारोग मिट जाये।”
अर्थात- राम नाम का जप एक ऐसी औषधि के समान है जिसे अगर सच्चे ह्रदय से जपा जाए तो सभी आदि-व्याधि दूर हो जाती हैं,मन को परम शांति मिलती है।
ॐ नमो भगवते रामचंद्राय
प्रभु राम के इस मंत्र के जाप से सारी विपत्तियां भागती हैं और जीवन में आनंद की अनुभूति होने लगती है।
श्रीराम जय राम, जय-जय राम
इस मंत्र के समान कोई और मंत्र नहीं है। आप इस मंत्र का कभी भी और कहीं पर भी जाप कर सकते हैं। नियमित जाप करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा
भगवान राम की कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ॐ रामभद्राय नम:
अगर आपके काम में बार- बार रुकावटें आ रही हैं तो आप भगवान राम के इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से सभी रुकावटें दूर हो जाती हैं और सफलता मिलने लगती है।
ॐ रां रामाय नम:
भगवान राम के इस मंत्र के जाप करने से लक्ष्मी, पुत्र और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
ॐ नम: शिवाय’, ‘ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:
भगवान शिव, हनुमान जी और राम जी का यह मंत्र बहुत ही लाभदायक होता है।
ॐ रामचंद्राय नम:
भगवान राम के इस मंत्र के जाप करने से सभी तरह के कष्ट मिट जाते हैं और जीवन में शांति की अनुभूति होती है।
ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:
भगवान राम के इस मंत्र का जाप करने से कानूनी मामलों में फंसे लोगों को तुरंत राहत मिलती है।
श्रीराम गायत्री मंत्र ‘ॐ दशरथाय नम: विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्ना राम: प्रचोदयात्
भगवान राम के इस गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं। इस मंत्र के जाप से सभी आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है।