Narasimha Aarati – नृसिंह आरती – ॐ जय नरसिंह हरे

भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार इस बात का प्रतीक है कि जब भी किसी भक्त पर कोई संकट आता है, तो भगवान उसकी रक्षा के लिए स्वंय अवतार लेते हैं। भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया और हिरण्यकश्यप का वध कर उसे अभय प्रदान किया।

श्री नरसिंह भगवान की आरती

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, जन का ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर,
अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो,
दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे, प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

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