Sadashiva Pancharatnam – सदाशिव पञ्चरत्नम् – यत्सन्दर्शनमात्राद्भक्तिर्जाताप्यविद्धकर्णस्य ।
शिव जी की पूजा से सभी दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है। कई लोग रोजाना शिव जी की पूजा करते हैं और इसके साथ-साथ शिव चालीसा का पाठ करने से भी बहुत लाभ होता है। यदि कोई व्यक्ति शिव पंचरत्न स्तुति और शिव चालीसा का पाठ करता है, तो उसे भय, डर से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
||सदाशिवपञ्चरत्नम् ||
यत्सन्दर्शनमात्राद्भक्तिर्जाताप्यविद्धकर्णस्य ।
तत्सन्दर्शनमधुना कृत्वा नूनं कृतार्थोऽस्मि ॥१॥
योऽनिशमात्मन्येव ह्यात्मानं सन्दधद्वीथ्याम् ।
भस्मच्छन्नानल इव जडाकृतिश्चरति तं नौमि ॥२॥
यस्य विलोकनमात्राच्चेतसि सञ्जायते शीघ्रम् ।
वैराग्यमचलमखिलेष्वपि विषयेषु प्रणौमि तं यमिनम् ॥३॥
पुरतो भवतु कृपाब्धिः पुरवैरिनिविष्टमानसः सोऽयम् ।
परमशिवेन्द्रकराम्बुजसञ्जातो यः सदाशिवेन्द्रो मे ॥४॥
उन्मत्तवत्सञ्चरतीह शिष्यस्तवेति लोकस्य वचांसि श्रॄण्वन् ।
खिद्यत्रुवाचास्य गुरुः पुराहो ह्युन्मत्तता मे न हि तादृशीति ॥५॥
पञ्चकमेतद्भक्त्या श्लोकानां विरचितं लोके ।
यः पठति सोऽपि लभते करुणां शीघ्रं सदाशिवेन्द्रस्य ॥६॥
इति सदाशिवपञ्चरत्नम् संपूर्णम् ॥
शिव पंचरत्न स्तुति को प्रतिदिन करने से बुराईयाँ खुद-ब-खुद दूर हो जाती हैं और साधक के परिवार का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। इस स्तुति का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि आती है।